हिंदू धर्म की जड़ें क्या है? Hinduism - Ritual, Reason and Beyond
हिंदू धर्म की जड़ें क्या है, सिंधु घाटी काल से पहले और अब तक हिंदू धर्म और सनातन धर्म क्या परिवर्तन हुए ?
हिंदू धर्म के सबसे पुराने शास्त्रों - चार वेदों, प्रत्येक वेद के चार घटक है। वैदिक ग्रंथों के सभी मूल अनुवाद अधिकतर पश्चिमी संस्कृत विद्वानों द्वारा किए गए थे, और उनके कार्यों ने अनुवादों की विश्वसनीयता के बारे में संदेह की गुंजाइश है। अश्वमेध, राजसूय, वाजपेय आदि जैसे यज्ञ के बारे में वैदिक ग्रंथों में बहुत विस्तार से वर्णन किया गया है।
हिंदू धर्म सिर्फ मूर्ति पूजा तक ही सिमित नहीं है, यह उपनिषद, स्मृति, आरण्यक, पुराणों और आर्ष ग्रंथों की श्रंखला है। जिन्हे समझना बहुत जरुरी है। बिना कुछ जाने समझे सिर्फ अंधविश्वास कह देना बिलकुल गलत है।
आज हमारा आधुनिक विज्ञान ग्रहों, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण की तिथियों की गणना के बारे में बताता है वहीँ हिन्दू धर्म के ज्योतिष शास्त्रों में आज भी एकदम सही तिथि और समय बता दिया जाता है।
आयुर्वेद में कई बीमारियों की चिकित्सा का उल्लेख है तो वैदिक गणित के माध्यम से कठिन गणना करना आसान है। पाश्चायत संस्कृति के प्रभाव में हिन्दू धर्म की काफी क्षति हुई है।
हिंदू धर्म की अपने आधुनिक रूप की यात्रा - मूर्ति पूजा, आधुनिक पूजा, पूजा और विवाह जैसे संस्कारों का विस्तृत विवरण, प्रत्येक क्रिया का अर्थ और उन्हें कैसे किया जाता है, यह समझने में हमे अशोक मिश्रा जी पुस्तक "Hinduism - Ritual, Reason and Beyond " मदद करेगी।
हम हिंदू के रूप में क्या करते हैं और क्यों करते हैं इस पुस्तक में विस्तार से वर्णन है।