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हिंदू धर्म की जड़ें क्या है? Hinduism - Ritual, Reason and Beyond

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हिंदू धर्म की जड़ें क्या है,  सिंधु घाटी काल से पहले और अब तक हिंदू धर्म और सनातन धर्म क्या परिवर्तन हुए ?  हिंदू धर्म के सबसे पुराने शास्त्रों - चार वेदों, प्रत्येक वेद के चार घटक है।  वैदिक ग्रंथों के सभी मूल अनुवाद  अधिकतर पश्चिमी संस्कृत विद्वानों द्वारा किए गए थे, और उनके कार्यों ने अनुवादों की विश्वसनीयता के बारे में संदेह की गुंजाइश  है। अश्वमेध, राजसूय, वाजपेय आदि जैसे यज्ञ के बारे में  वैदिक ग्रंथों  में  बहुत विस्तार से वर्णन किया गया है। हिंदू धर्म  सिर्फ मूर्ति पूजा तक ही सिमित नहीं है, यह  उपनिषद, स्मृति, आरण्यक, पुराणों और आर्ष ग्रंथों की श्रंखला है।  जिन्हे समझना  बहुत जरुरी है।  बिना कुछ जाने समझे सिर्फ अंधविश्वास कह देना बिलकुल गलत है।    आज हमारा आधुनिक विज्ञान ग्रहों, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण  की तिथियों की गणना के बारे में बताता है वहीँ हिन्दू धर्म के ज्योतिष शास्त्रों में आज भी एकदम सही तिथि और समय  बता दिया जाता है। आयुर्वेद में कई बीमारियों की चिकित्सा का उल्लेख है तो वैदिक गणित के...

देवशयनी एकादशी कब है 2024, व्रत कथा

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सुप्ते त्वयि जगन्नाथ, जगत् सुप्तं भवेदिदम्। विबुद्धे त्वयि बुध्येत, जगत् सर्वं चराचरम्॥ अर्थात् हे जगन्नाथ, जब आप सोते हैं तो यह जगत् सो जाता है और जब आप जागते हैं तो समस्त जड़-चेतन जगत् प्रकाशित हो जाता है।   इस शास्त्र कथन के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तक चातुर्मास काल में सृष्टिकर्ता भगवान विष्णु शयन अवस्था में रहते हैं। इसलिए इस प्राचीन एवं धार्मिक परंपरा के अनुसार इन चार महीनों में विवाह, गृहप्रवेश, नामकरण, यज्ञोपवीत आदि सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित होते हैं। निषेध इसलिए है क्योंकि यदि इस जगत के रचयिता ही शयन अवस्था में होंगे तो हमें कौन आशीर्वाद देगा। देवशयनी एकादशी व्रत कथा के अनुसार सतयुग में मान्धाता नामक चक्रवर्ती सम्राट राज्य करता था। वह एक अच्छा राजा था, उसकी प्रजा बहुत सुखी थी। लेकिन भविष्य में क्या होगा यह कोई नहीं जानता था। इसलिए राजा को इस बात का भी पता नहीं था कि उसके राज्य में भयंकर अकाल पड़ने वाला है। एक समय ऐसा आया जब उसके राज्य में तीन वर्षों तक वर्षा नहीं हुई। इस अकाल के कारण हर जगह हाहाकार मच गया। र...